दुनिया का इतिहास जितना विस्तृत है उतना ही रोमांचक और रहस्मय भी है। ऐसा ही अनसुलझा रहस्य है मिस्त्र के पिरामिड। पुरातन काल के विज्ञान को अब तक नहीं समझा जा सका है।
प्राचीन मिस्त्र में लोगों को जलाने की प्रथा नहीं थी, वहां मानव शवों को मसाला भरकर कब्र में सुरक्षित रखने का रिवाज था। वह मानते थे कि शव हजारों सालों तक सुरक्षित रह सकता है और उनके साथ खाने पीने की चीजें, कपड़े, गहने और वाद्ययंत्र भी रखे जाते थीं।
प्राचीन मिस्त्र में मान्यता थी उनका राजा किसी देवता का वंशज है, इसलिए वह मरा नहीं हैं। इस धारणा के चलते राजा का मकबरा बनाया जाता था। ये पिरामिड चट्टान काट कर बनाए जाते थे।
- मिस्त्र में 138 पिरामिड हैं, लेकिन काहिरा में गीजा का पिरामिड अपने आप में सबसे अलग और सात अजूबों में शामिल है।
- यह गीजा का पिरामिड मिस्त्र के राजा Khufu की कब्र है, जिसका निर्माण 4500 साल पहले किया गया था।
- यह 450 फिट ऊंचा है। यह 13 एकड़ में फैला है।
- यह किसी मनुष्य द्वारा बनाई गई अब तक की सबसे ऊंची संरचना है।
- इसे बनाने में करीब 23 साल लगे।
- इसे इतनी परिशुद्धता से बनाया गया है कि इसे आज की कोई मशीन बना नहीं सकती है।
- आज तक इस बात पर सवाल उठते रहे हैं कि कैसे मिस्त्रवासियों ने इसे 450 ऊंचा बनाया गया।
- पिरामिड के अंदर 3 चेंबर हैं, जिसमें एक में राजा कुफू का सामान है, जो उनके काम मरने के बाद आएगा।
- इन्हें ऐसे जोड़ा गया है कि इसमें एक ब्लेड तक नहीं घुसाई जा सकती।
- पिरामिड की बनावट बताती है कि मिस्त्रवासी आधुनिक गणित जानते थे।
- पिरामिडों को इस तरह से बनाया गया है कि वो 500 डिग्री के साथ उत्तर दिशा को अंकित करते हैं, जो कि सटीक है।